Tuesday, February 8, 2011

Spiritual & Medicinal Importance of trees and plants - PART- 2


वृक्षों के महत्व को ध्यान में रखकर , किसी भी शुभ दिन साल में दो बार वृक्षारोंपण पर विशेष ध्यान देना चाहिए। 

वृक्षों को हमारे घर में स्थित बगीचे में लगाने से विभिन्न प्रकार के वास्तुदोष दूर हो जाते है तथा व्यक्ति व परिवार निरोगी रह सकता है। किन्तु वास्तु के नियामों के अनुसार कौन सा वृक्ष लगाना चाहिए, या कौन सा नहीं, इसकी जानकारी होना आवश्यक है।

1-  घर में या आसपास दूधवाले (अर्क/द्गवेतार्क) कांटेदार वृक्ष नहीं होना चाहिए। 
2- नागकेसर, अशोक, नीम, मौलश्री या शाल के वृक्ष शुभ होते है। इसी प्रकार अनार, चमेली, गुलाब, केतकी, केसर, चंदन, महुआ, दालचीनी, नागर या नारियल के पौधे शुभ होते है। 
3- अष्टमी के दिन अशोक के पेड की पूजा की जाती है। 
4- वटसावित्री के दिन बरगद के वृक्ष की पूजा की जाती है। 
5- कार्तिक मास के दिन आवले के वृक्ष की पूजा की जाती है। आंवलों के वृक्ष में भगवान विष्णु का निवास स्थान माना गया है। 
6- तुलसी जी के पेड की पूजा नित्य - प्रतिदिन करना चाहिए।
7- ''ऋषि वराहमिहिर'' शास्त्र के अनुसार घर में या आसपास, औषधि - युक्त पेड/पौघें, सुगन्धित व सुन्दर फूल वाले पेड - पौधे लगाने से लक्ष्मीजी प्रसन्न होती है।
8- घर के आसपास के पेडो की छाया घर पर नहीं पडना चाहिए। 
9- घर में यदि पीपल या बिल्व वृक्ष स्वयं ऊग आये हो तो उन्हें काटना शुभ नहीं होता है। पीपल के वृक्ष पीपल के वृक्ष कि पूजा करके व प्रार्थना करके घर से जडसहित निकालकर मंदिर में स्थापित कर देना चाहिए। 
10- बिल्ववृक्ष के पेड को भी मंदिर में स्थापित कर देना चाहिए या फिर संभव हो तो उचित पूजा - अर्चना व देखभाल करते रहना चाहिए। 
11- दूध देने वाले पौधे घर के बाहर हो सकते है। यदि आंकडे का वृक्ष स्वयं ऊग आता है तो उसकी पूजा करने से लाभ होता है। 
12 - पूर्व - दक्षिण व दक्षिण - पश्चिम दिशाओ में पेडो को नहीं लगाना चाहिए। यजुर्वेद में कहा गया है कि पेडो को  नक्षत्र के अनुसार पूजन करना लाभदायक रहता है। जैसे गूलर, पीपल, नागचंपा, शमी, बड (बरगद) आदि वृक्ष नक्षत्रों के आराध्य वृक्ष है और इनकी नियम से उपासना करने से निश्चित लाभ मिलता है। 
13- शास्त्रों के अनुसार रत्नों द्वारा जिस तरह ग्रह व नक्षत्र की अशुभता को दूर किया जाता है उसी तरह वनस्पतियों के पूजन से भी इसी प्रकार ग्रह शांति की जा सकती है।
14- भील व गौड जाति के आदिवासी लोग अपनी रक्षा हेतु वृक्षों की जडो या तने को अपने साथ रखते है।
15- वनस्पतियों को प्रयोग से पहले प्रार्थना करके व सिद्ध करके ही धारण करना चाहिए।
16- ग्रहों के अनुसार उपयुक्त वनस्पति कि लकड़ी द्वारा हवन करके हवन का धुँआ पूरे घर में घुमाना चाहिये जिससे ग्रह की अशुभता कम होती है।
17- शनि देवता को प्रसन्न करने के लिये - पीपल, खजूर, आक, कीक, अमलतास, आदि पौधों को रोपकर व उनकी उचित देखभाल करना उत्तम माना गया है।
18- आम, पीपल, अर्जुन आदि पौधे कर्म क्षेत्र की बाधाएं दूर करते है। रोजगार में आने वाली परेशनियों को दूर करने के लिए इन पौधों  की लगाकर देखभाल करना चाहिए। 
19- घर में या आसपास हरियाली होना घर की सुख, समृद्धि व शांति हेतु अति आवश्यक है। हरियाली से बुध ग्रह प्रसन्न होते है अतः बुध ग्रह की प्रसन्नता हेतु गाय को हरी घास या हरी सब्जी खिलाना अति - शुभ होता है।

Writer&Editor -Ashutosh Joshi
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