Friday, October 26, 2012

शरद पूर्णिमा २९ अक्टूबर २०१२ (सोमवार)

GOOD ARTICLE BY
SHREE ARVINDER SINGH
ON FACE BOOK 



शरद पूर्णिमा अश्विन मास में होती है. इसे रास पूर्णिमा भी कहते है और कोजागर पूर्णिमा भी. शरद ऋतु में आमतौर मौसम साफ़ रहता है. आकाश में न तो बादल होते है और न ही धूल के गुब्बार. पुरे वर्ष भर में केवल अश्विन मास की पूर्णिमा का चंद्रमा ही षोडस कलाओं (१६ कलाये) का होता है. कहा जाता है कि इस पूर्णिमा की रात्रि को चंद्रमा अमृत की वर्षा करता है. इस रात्रि में भ्रमण करना और चन्द्र किरणों का शरीर पर पड़ना बहुत ही शुभ माना जाता है. शरद पूर्णिमा की रात को ही भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज -बालाओं के साथ वृन्दावन में महारास किया था. 
इस पावन पर्व में क्या करे जिससे जीवन में खुशहाली आ सके. तो मै आप सब के लिए राशि के आधार पर कुछ बताने की कोशिश कर रहा हु..... 

मेष राशि - सबसे पहले कन्याओं को दूध - खीर खिलाये (कन्या कितनी भी हो सकती है) और मीठे चावल बनाकर, उसमे देसी घी डालकर पक्षियों को दें, लाभ होगा.

वृषभ राशि - दही (दही भी अगर गौ दुग्ध की हो तो उत्तम) और गाय का घी मंदिर में दान करें, लाभ होगा. 

मिथुन राशि - व्रत रख सकते है व एक समय भोजन करें, संध्या समय श्री सत्य नारायण कथा करे या करवाए. दूध - चावल का दान करें. (दूध - चावल कितना भी हो सकता है) लाभ होगा.

कर्क राशि - इस दिन से शुरू करते हुए, लाल चंदन का तिलक माथे पर लगाएं. मिश्री मिला हुआ दूध धार्मिक स्थल में दान दे. लाभ होगा.

सिंह राशि - संध्या समय तुलसी जी के पौधे के पास गाय के घी का दीपक प्रज्ज्वलित करके उसमे दो लौंग डाल दे और जाने - अनजाने में जो गलतियाँ हो गयी है, उनके लिए माफ़ी मांगे और प्रणाम करके सुख शांति का निवेदन करे. धार्मिक स्थल में गुड़ का दान करें. लाभ होगा.

कन्या राशि - इस दिन से शुरू करते हुए माथे पर गोपीचंदन का तिलक लगायें और ९ साल तक की कन्याओं को भोजन में खीर खिलाये. लाभ होगा.

तुला राशि - भगवान् श्री कृष्ण जी की अराधना करें, उनको धूप-दीप के साथ माखन - मिश्री का भोग लगाये और धार्मिक स्थल में दूध, चावल व घी का दान दें. लाभ होगा.

वृश्चिक राशि - इस दिन से शुरू करते हुए, ४० दिन लगातार पीपल वृक्ष के समक्ष धूप-दीप के साथ तिल के तेल का दीपक अर्पित करे और मंगल ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान करे (ये पंडित जी को देना है, जो संकल्प करवा कर लेंगे) तथा ९ साल तक की कन्याओं को दूध - चांदी का दान दें. लाभ होगा.

धनु राशि - इस दिन श्री राधाकृष्ण जी का जहा भी मंदिर हो, वहा पर उनकी मूर्ति के सामने तुलसी जी का पौधा एवं गंगाजल रख कर, धूप-दीप के साथ माखन मिश्री का भोग लगाकर, माफ़ी मांग कर घर वापस आ जाए. धार्मिक स्थल में सवा किलो चने की दाल, सवा मीटर पीले कपड़े में रख कर दान दें. लाभ होगा.

मकर राशि - इस दिन से शुरू करते हुए, ४० दिन लगातार परिवार के सब सदस्यों के साथ, श्री हनुमान बाबा जी के मंदिर जायें, वहा पर धूप-दीप के साथ गुड की मीठी - मोटी रोटी अर्पित करे. ५ बार हनुमान चालीसा का पाठ करे. माफ़ी मांग कर घर वापस आ जाए. सवा किलो चावल साफ़ चलते पानी में बहा दे, संकल्प के साथ. लाभ होगा.

कुम्भ राशि - इस दिन से शुरू करते हुए, ४० दिन श्री हनुमान बाबा जी के मंदिर में लाल चंदन का दान करें, धूप-दीप ज़रूर अर्पित करे और ५ बार हनुमान चालीसा का पाठ कर, घर वापस आ जाए. १० अन्धो को खाना खिलाना विशेष रहेगा. सिर्फ खाना ही खिलाना है, रूपये - पैसे नहीं देने है. लाभ होगा.

मीन राशि - इस दिन बाबा श्री हनुमान जी को चोला अर्पित करे और ब्राह्मणों को जितना हो सके भोजन करवाए और उचित दान दक्षिणा के साथ विदा करे. 

इस दिन हर राशि के व्यक्ति, प्रातः १० बजे पीपल जी की जितनी सेवा हो सके, करे.. क्यूंकि १० बजे माता लक्ष्मी जी का एक बार फेरा ज़रूर लगता है. ऐसा शास्त्रों में कहा है. पूरी रात भर अगर जागरण कर सकते है तो बहुत ही उत्तम होगा.
भगवान् शिव जी का रुद्राभिषेक करवाए उत्तम है, उनको खीर का भोग लगाये. 

दान देने वाली जितनी भी चीज़े बताई है, वो आप सब किसी गरीब को दे सकते है या फिर ज़रूरतमंद को दे सकते है या फिर सिद्ध श्री शिव मंदिर में जाकर भी दान कर सकते है.