Friday, February 8, 2013

वास्तुशास्त्र बोनसाई का पेड़ क्यों नही लगाना चाहिए


AN ARTICLE BY MR. DEV NARAYAN SHARMA - ON FACE BOOK 



१.आजकल बोनसाई का पेड़ लगाने का प्रचलन ज्यादा बढ़ गया है 

2.दूध वाले कोई भी पेड़ जो जहरीले ,कांटेदार या जंगली किस्म के होते हैं उन पेड़ पौधों को लगाने से मना किया जाता है 

३.वास्तुशास्त्र में बोनसाई के पेड़ लगाने से इसलिए मना किया जाता है क्योंकि बोनसाई में बड़े पेड़ को छोटा बनाया जाता है इसलिए बोनसाई का पेड़ विकास को अवरुद्ध करता है 

४.घर में लगा हुवा पीपल का पेड़ बोनसाई नही होता बल्कि उसकी उम्र कम होने की वजह से छोटा दिखता है ,जब घर में लगा हुवा पीपल का पेड़ बड़ा हो जाये तो उसे तालाब या नदी के किनारे लगा देना चाहिए 

५.घर में पीपल का पेड़ पूजा के दृष्टी से लगाया जाता है इसलिए उसमें कोई दोष नही होता 

६.विज्ञानं के अनुसार पीपल के पेड़ में आक्सीजन की मात्रा ज्यादा होती है 

७.जब हम ध्यान की गहराई में प्रवेश करते हैं तो हमारी स्वांश की गति कम होने की वजह से अंदर आक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है इसलिए पीपल के पेड़ से निकलने वाली आक्सीजन से ध्यानस्थ साधक को मदद मिलता है ,इसलिए साधना के लिए पीपल के पेड़ को चुना जाता है 

८.इसलिए वास्तुशास्त्र में किसी कांटे या दूध वाले पेड़ से कोई सीधा विरोध नही है बल्कि उस पेड़ की हमारे जीवन में क्या आवश्यकता है इस पर सारे नियम बनाये गये हैं 

९.जब हम किसी नाटे व्यक्ति को देखते हैं जो केवल तीन फिट ऊँचा होता है तो उस पर सभी लोग दया से देखते हैं 

नाटे व्यक्ति की सभी इन्द्रिया काम करती रहती है फिर भी नैसर्गिक विकास के विपरीत होने की वजह से बचपन में उसकी ऊंचाई बदने का माँ बाप भरसक प्रयास करते हैं 

इसलिए इश्वर की बनाई गयी तमाम सुंदर कृतियों से छेड़छाड़ नही करना चाहिए 

जब भी इश्वर की बनाई गयी तमाम सुंदर कृतियों से छेड़छाड़ की जाती है तो ईश्वरीय प्रकोप के रूप में अमेरिका या जापान में सुनामी या भूकम्प देखे जाते हैं 

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