Saturday, April 6, 2013

WHY WORRY ??



जीवन एक नाव की तरह है, और आत्म-विश्वास और आत्म-बल दो  पत्वारो की तरह होती है ! जब हम समस्याओं से घिर जाते है, हम अपनी इन दो मज़बूत पत्वारो से समस्याओं - रुपी जल्धारा को पीछे की  ओर धकेल सकते है और इस तरह हमारी जीवन-रुपी नाव आगे बढ़ा सकते है !

समस्याएँ हर व्यक्ति के जीवन में आती है, और यह हमारे ऊपर निर्भर है कि हमे आने वाली कैसी भी समस्या से कैसे निपटना चाहिये ! जब कोई व्यक्ति किसी बड़ी कठिनाई से जुझता है तो मन व तन दोनों असंतुलित होने लगते है, अवसाद कि स्थिति आने लगती है और यदि सही समय पर संभले नही तो फिर जीवन जीने की इच्छा खत्म होने लगती है, और  ग़लत विचार बार बार आते है जो बहुत हानिकारक है !


मै नीचे कुछ उपाय बता रहा हूँ, और यदि इन उपायों पर अमल किया जाए तो निश्चित ही लाभ होगा !    

(1) - धीरज रखे, घबराये नही, और अपने विचारों को संतुलित  रखे ! नकारात्मक विचार जल्दी-जल्दी आयेंगे उनको महत्व न दे और सकारात्मक सोच रखे.

(2)- हमारी समस्या जिस प्रकार कि है उसके अनुसार उसके उपाय के बारे में जितने भी विकल्प सामने आते उन पर गहन विचार करे और यदि सम्भव हो तो अपने शुभ-चिंतकों से भी बात कर सकते है ! ये हमेशा याद रखे कि हर समस्या का सकारात्मक हल निकाला जां सकता है और परिवार को छोड़ देना या सोचना कि आत्म-हत्या करके समस्या का हल निकल जायेगा, ऐसे नकारात्मक विचार रखकर अपनी और परिवार की समस्या को बढ़ाना ही है ! 

(3) ऐसे मौकों पर कभी कभी समय निकलने भी देना चाहिये, जो मदद करता है, क्योकि कई बार कोई दिन या सप्ताह खराब रहता है और धीरे धीरे समय अनुकूल होने लगता है ! किन्तु यह भी हो सकता है कि आपात स्थिति हो और समस्या को तुरंत हल करना जरुरी हो जाता है ! अतः हमे ईश्वर पर विश्वास रखते हुए, आत्म-बल, आत्म-विश्वास, धीरज, और चतुराई जैसे गुणों को आत्म-सात करना चाहिये !

(4) अपने धर्मानुसार मन्दिर, मस्जिद, या गुरुद्वारे जाकर प्रार्थना करना चाहिये, ध्यान, पूजा, योगा, आदि ऐसे मौकों पर बहुत लाभ पहुँचाते है और हमारे मन और तन को संतुलित करने में मदद करते है !  

इसके अलावा समस्या के प्रकार के अनुसार भी उपाय खोजना चाहिये और इस तरह जीवन को एक मज़बूत योध्दा की तरह जीना चाहिये न कि एक डरपोक इनसान की तरह ! यदि आपको मेरे ये विचार पसंद आए और यदि आप और भी उपाय जानते है तो मुझे E मेल करे या फ़ोन करे ! 
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ज़िन्दगी, जब-जब होने लगे बेतरतीब,
आने लगे डरावने सपने, 
या फिर विचार अजीबोगरीब,
रुको, सम्भलो,रखो धीरज,
इसके पहले कि, दिल घबराने लगे,
निकालो कोई न कोई तरकीब !
सोचो, समझो, 
सलाह लो अपनों से,
करो पूजा और ध्यान,
देखो फिर निकलेगा,
हर समस्या का हल, और,
पाओगे ईश्वर को अपने बहुत क़रीब ! 
इसके पहले कि, दिल घबराने लगे,
निकालो कोई न कोई तरकीब !
ज़िन्दगी, जब-जब होने लगे बेतरतीब !!
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शुभ-कामनाओं के साथ- 
आशुतोष 
+91 88175 76868 

ashutosh2362@gmail.com