Friday, January 31, 2014

माघ मास की गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ

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31 जनवरी 2014, शुक्रवार से माघ मास की गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ हो रहा है, इसका समापन 8 फरवरी, शनिवार को होगा। गुप्त नवरात्रि में हर दिन देवी के विभिन्न रूप की पूजा की जाती है। इन नौ दिनों में विविध प्रकार की पूजा से माता को प्रसन्न किया जाता है। गुप्त नवरात्रि में देवी को विभिन्न प्रकार के भोग लगाए जाते हैं। 
शास्त्रों के अनुसार प्रतिपदा से लेकर नौ तिथियों में देवी को विशिष्ट भोग अर्पित करने तथा ये ही भोग गरीबों को दान करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं व साधक को धन की कभी कमी नहीं होती। यदि आप भी इस मौके का लाभ उठाना चाहते हैं तो आगे की स्लाइड्स पर क्लिक कीजिए और जानिए गुप्त नवरात्रि में किस तिथि पर देवी मां को किस चीज का भोग लगाएं। 

प्रतिपदा (31 जनवरी, शुक्रवार) को माता को घी का भोग लगाएं तथा उसका दान करें। इससे रोगी को कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा वह निरोगी होता है।
- द्वितीया (1 फरवरी, शनिवार) को माता को शक्कर काभोग लगाएं तथा उसका दान करें। इससे साधक को दीर्घायु प्राप्त होती है।
- तृतीया (2 फरवरी, रविवार) को माता को दूध चढ़ाएं तथा इसका दान करें। ऐसा करने से सभी प्रकार के दु:खों से मुक्ति मिलती है।

चतुर्थी(3 फरवरी, सोमवार) को मालपूआ चढ़ाकर दान करें। इससे सभी प्रकार की समस्याएं स्वत: ही समाप्त हो जाती हैं।
- पंचमी तिथि (4 फरवरी, मंगलवार) को माता दुर्गा को केले का भोग लगाएं  व गरीबों को केले का दान करें। इससे आपके परिवार में सुख-शांति रहेगी। 
- षष्ठी तिथि (5 फरवरी, बुधवार) के दिन माता दुर्गा को शहद का भोग लगाएं व इसका दान भी करें। इस उपाय से गरीब भी मालामाल हो जाता है।



 सप्तमी (6 फरवरी, गुरुवार) को माता को गुड़ की वस्तुओं का भोग लगाएं तथा दान भी करें। इससे दरिद्रता का नाश होता है।
- अष्टमी (7 फरवरी, शुक्रवार) को नारियल का भोग लगाएं तथा नारियल का दान भी करें। इससे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- नवमी (8 फरवरी, शनिवार) को माता को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाएं व यथाशक्ति गरीबों में दान करें। इससे लोक-परलोक में आनंद व वैभव मिलता है।



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Monday, January 13, 2014

14th January - 2014- Makar Sankranti

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Makar Sankranti is dedicated to worship of Surya Dev - Father of lord Shani. This day marks the “holy phase of transition”. Sun changes its celestial path and enters into the Makar Rashi from Dhanu Rashi.


Hence paying homage to Shani dev on this day is considered highly auspicious.


Makar Sankranti is a symbol of 
  • Spiritual enlightenment, 
  • Peace, prosperity and happiness.
  • It is a day to perform Charity. And we all know that charity please Lord Shani.

Significance of Pious day of Makar Sankranti
Bonding Between Father and Son 

Surya visits the house of his son Saturn (the lord of Makar rashi or Capricorn) for a month on this day. Therefore this day also enhance the importance of the special bonding between the father and the son.

End of Negativity

On this very day, Lord Vishnu put an end to the increasing terror of the demons by demolishing them and burying their heads under the Mandara Parvata. Therefore Makar Sankaranti also represents the end of ‘negativity’ and beginning of an era of righteous living.