Tuesday, October 14, 2014

धन तेरस - महालक्ष्मी की कृपा पाने का शुभ अवसर



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http://www.ajabgjab.com/2014/10/dhanteras-and-jyotish-shastra.html

ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के दिन समृद्धि प्राप्ति के लिए किया गया कोई भी उपाय ज्यादा फलदायी होता है। ज्योतिष शास्त्र में कई ऐसे उपाय बताएं गए है जिनके बारे में मान्यता है की इन्हें धनतेरस के दिन किसी भी शुभ समय में किया जाए तो घर में स्थिर लक्ष्मी का निवास होता है।

मंदिर में लगाएं केले के पौधे :-

धनतेरस के दिन किसी भी मंदिर में केले के दो पौधे लगाएं। इन पौधों की समय-समय पर देखभाल करते रहें। इनके बगल में कोई सुगंधित फूल का पौधा लगाएं। केले का पौधा जैसे-जैसे बड़ा होगा, आपके आर्थिक लाभ की राह प्रशस्त होगी।

मोर की मिट्टी की करे पूजा :-

धनतेरस पर यदि पूजा के समय किसी ऐसे स्थान की मिट्टी जहां मोर नाचा हो लाकर और पूजा करें। इस मिट्टी को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखने से घर पर हमेशा लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।

गाय का भोजन जरूर निकालें:-

धनतेरस और दीपावली के दिन रसोई में जो भी भोजन बना हो, सर्वप्रथम उसमें से गाय के लिए कुछ भाग अलग कर दें। ऐसा करने से घर में स्थिर लक्ष्मी का निवास होगा।

चमगादड़ के पेड़ की टहनी रखे पास :-

धनतेरस के दिन किसी भी शुभ समय में किसी ऐसे पेड़ की टहनी तोड़ कर लाएं, जिस पर चमगादड़ रहते हों। इसे अपने बैठने की जगह के पास रखें, लाभ होगा।


दक्षिणावर्ती शंख में लक्ष्मी मंत्र का जप :-

धनतेरस के दिन लक्ष्मी पूजन के बाद दक्षिणावर्ती शंख में लक्ष्मी मंत्र का जप करते हुए चावल के दाने व लाल गुलाब की पंखुड़ियां डालें। ऐसा करने से समृद्धि का योग बनेगा।
मंत्र- श्रीं

लक्ष्मी को अर्पित करें लौंग :-

धनतेरस के दिन लक्ष्मी पूजन के बाद लक्ष्मी या किसी भी देवी को लौंग अर्पित करें। यह काम दीपावली के दिनों में रोज करें। आर्थिक लाभ होता रहेगा।

सफेद चीजों का करें दान :-

धनतेरस पर सफेद पदार्थों जैसे चावल, कपड़े, आटा आदि का दान करने से आर्थिक लाभ का योग बनता है।

सूर्यास्त के बाद न करें झाड़ू-पोंछा :- 

दीपावली के दिनों में और हो सके तो रोज ही शाम को सूर्यास्त के बाद घर में झाड़ू-पोंछा न करें। ऐसा करने से घर में लक्ष्मी चली जाती है।

गरीब की आर्थिक सहायता करें :-

धनतेरस पर किसी गरीब, दुखी, असहाय रोगी को आर्थिक सहायता दें। ऐसा करने से आपकी उन्नति होगी।

किन्नर को धन करें दान :-

धनतेरस के दिन किसी किन्नर को धन दान करें और उसमें से कुछ रुपए वापस अनुरोध करके प्राप्त कर लें। इन रुपयों को सफेद कपड़े में लपेटकर कैश तिजोरी में रख लें, लाभ होगा।

लघु नारियल का उपाय :-

1- धन तेरस पर पूजा के समय धन, वैभव व समृद्धि पाने के लिए 5 लघु नारियल पूजा के स्थान पर रखें। उन पर केसर का तिलक करें और हर नारियल पर तिलक करते समय 27 बार नीचे लिखे मंत्र का मन ही मन जप करते रहें-

ऐं ह्लीं श्रीं क्लीं

2- 11 लघु नारियल को मां लक्ष्मी के चरणों में रखकर ऊं महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्नीं च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् मंत्र की 2 माला का जप करें। किसी लाल कपड़े में उन लघु नारियल को लपेट कर तिजोरी में रख दें व दीपावली के दूसरे दिन किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर दें। ऐसा करने से लक्ष्मी चिरकाल तक घर में निवास करती है।

3- यदि आप चाहते हैं कि घर में कभी धन-धान्य की कमी न रहे और अन्न का भंडार भरा रहे तो 11 लघु नारियल एक पीले कपड़े में बांधकर रसोई घर के पूर्वी कोने में बांध दें।

घर लाए चांदी के गणेश, चांदी की लक्ष्मी:-

लक्ष्मी जी व गणेश जी की चांदी की प्रतिमाओं को इस दिन घर लाना, घर- कार्यालय, व्यापारिक संस्थाओं में धन, सफलता व उन्नति को बढाता है। इस दिन भगवान धनवन्तरी समुद्र से कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिये इस दिन खास तौर से बर्तनों की खरीदारी की जाती है।

सूखे धनिया के बीज का भी महत्व:-

ऐसी मान्यता है कि इस दिन सूखे धनिया के बीज खरीद कर घर में रखना भी परिवार की धन संपदा में वृ्द्धि करता है। दीपावली के दिन इन बीजों को बाग, खेत खलिहानों में लागाया जाता है ये बीज व्यक्ति की उन्नति व धन वृ्द्धि के प्रतीक होते है।


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धनतेरस पूजन में क्या करें

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प्रचलित कथा के अनुसार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन समुद्र मंथन से आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरी‍ अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। उन्होंने देवताओं को अमृतपान कराकर अमर कर दिया था। 


अतः वर्तमान संदर्भ में भी आयु और स्वास्थ्य की कामना से धनतेरस पर भगवान धन्वंतरी‍ का पूजन किया जाता है। इस दिन वैदिक देवता यमराज का पूजन भी किया जाता है। 


कई श्रद्धालु इस दिन उपवास रहकर यमराज की कथा का श्रवण भी करते हैं। आज से ही तीन दिन तक चलने वाला गो-त्रिरात्र व्रत भी शुरू होता है। 



* इस दिन धन्वंतरी‍ जी का पूजन करें। 


* नवीन झाडू एवं सूपड़ा खरीदकर उनका पूजन करें।

* सायंकाल दीपक प्रज्वलित कर घर, दुकान आदि को श्रृंगारित करें।

* मंदिर, गौशाला, नदी के घाट, कुओं, तालाब, बगीचों में भी दीपक लगाएं।

* यथाशक्ति तांबे, पीतल, चांदी के गृह-उपयोगी नवीन बर्तन व आभूषण क्रय करते हैं।

* हल जुती मिट्टी को दूध में भिगोकर उसमें सेमर की शाखा डालकर तीन बार अपने शरीर पर फेरें।

* कार्तिक स्नान करके प्रदोष काल में घाट, गौशाला, बावड़ी, कुआं, मंदिर आदि स्थानों पर तीन दिन तक दीपक जलाएं। 

समस्त धन सम्पदा और ऐश्वर्य के स्वामी कुबेर के लिए धनतेरस के दिन शाम को 13 दीप समर्पित किए जाते हैं। कुबेर भूगर्भ के स्वामी हैं। कुबेर की पूजा से मनुष्य की आंतरिक ऊर्जा जागृत होती है और धन अर्जन का मार्ग प्रशस्त होता है। 



धनतेरस पूजन में क्या करें


(अ) कुबेर पूज
शुभ मुहूर्त में अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान में नई गादी बिछाएं अथवा पुरानी गादी को ही साफ कर पुनः स्थापित करें।
पश्चात नवीन बसना बिछाएं।


सायंकाल पश्चात तेरह दीपक प्रज्वलित कर तिजोरी में कुबेर का पूजन करते हैं।



कुबेर का ध्यान



निम्न ध्यान मंत्र बोलकर भगवान कुबेर पर फूल चढ़ाएं -



श्रेष्ठ विमान पर विराजमान, गरुड़मणि के समान आभावाले, दोनों हाथों में गदा एवं वर धारण करने वाले, सिर पर श्रेष्ठ मुकुट से अलंकृत तुंदिल शरीर वाले, भगवान शिव के प्रिय मित्र निधीश्वर कुबेर का मैं ध्यान करता हूं।



इसके पश्चात निम्न मंत्र द्वारा चंदन, धूप, दीप, नैवेद्य से पूजन करें -


'यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये 
धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।' 


इसके पश्चात कपूर से आरती उतारकर मंत्र पुष्पांजलि अर्पित करें।



(ब) यम दीपदान



* तेरस के सायंकाल किसी पात्र में तिल के तेल से युक्त दीपक प्रज्वलित करें।


* पश्चात गंध, पुष्प, अक्षत से पूजन कर दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके यम से निम्न प्रार्थना करें-

'मृत्युना दंडपाशाभ्याम्‌ कालेन श्यामया सह। 
त्रयोदश्यां दीपदानात्‌ सूर्यजः प्रयतां मम। 


अब उन दीपकों से यम की प्रसन्नता के लिए सार्वजनिक स्थलों को प्रकाशित करें।



इसी प्रकार एक अखंड दीपक घर के प्रमुख द्वार की देहरी पर किसी प्रकार का अन्न (साबूत गेहूं या चावल आदि) बिछाकर उस पर रखें। (मान्यता है कि इस प्रकार दीपदान करने से यम देवता के पाश और नरक से मुक्ति मिलती है।)



यमराज पूजन



* इस दिन यम के लिए आटे का दीपक बनाकर घर के मुख्य द्वार पर रखें।


* रात को घर की स्त्रियां दीपक में तेल डालकर चार बत्तियां जलाएं।

* जल, रोली, चावल, गुड़, फूल, नैवेद्य आदि सहित दीपक जलाकर यम का पूजन करें।

ओम यम देवताभ्यो नमः  

डॉ. मनस्वी श्रीविद्यालंकार

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