Tuesday, October 21, 2014

धनतेरस: राशि अनुसार क्या खरीदें-क्या नहीं, पूजन विधि व शुभ मुहूर्त

FROM THE BHASKAR 

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस दिन से ही दीपावली पर्व का प्रारंभ हो जाता है। इस बार यह पर्व 21 अक्टूबर, मंगलवार को है। इस पर्व पर भगवान धनवंतरि की पूजन का विधान है। ज्योतिष के अनुसार ये दिन खरीदी के लिए बहुत ही शुभ होता है। इस दिन खरीदी गई कोई भी वस्तु लंबे समय तक शुभ फल प्रदान करती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जानिए राशि के अनुसार धनतेरस पर क्या खरीदें- क्या नहीं-
मेष- उच्च का शनि एवं नीच का सूर्य की पूर्ण दृष्टि से इस राशि वालों को लोहे एवं उससे निर्मित वस्तुओं को खरीदने से बचना चाहिए। सोना, चांदी, बर्तन, गहने, हीरा, वस्त्र खरीदना शुभ होगा। चमड़ा, केमिकल आदि भी नही खरीदें।
वृषभ- सोना, चांदी, पीतल, कांसा, हीरा, कम्प्यूटर, बर्तन आदि की खरीदी शुभ रहेगी। केसर, चंदन की भी खरीदारी कर सकते हैं। फर्टिलाइजर्स, वाहन, तेल, चमड़े एवं लकड़ी आदि से बनी वस्तुओं को खरीदने से बचें।
मिथुन- जमीन, मकान, प्लॉट आदि के सौदे के लिए लाभकारी दिन है। पुखराज सोना, चांदी आदि निश्चिंत होकर खरीदारी करें।
कर्क- शनि की ढय्या होने के कारण अपने नाम के अलावा परिवार के किसी अन्य सदस्य के नाम पर खरीदारी करें तो बेहतर होगा। बच्चों को उपहार देने के लिए किसी वस्तु का खरीदना उचित होगा। सोना खरीदने से बचें। शेयर में निवेश नही करें।
सिंह- वाहन, बिजली उपकरण, स्वर्ण, चांदी, तांबा, पीतल, बर्तन, लकड़ी का सामान खरीद सकते हैं। लोहे एवं सीमेंट से बनी वस्तुएं नही खरीदें। चांदी लाभ दे सकती है। बने हुए मकान एवं फ्लैट आदि भी लाभदायक होंगे।
कन्या- इस दिन आप जमीन आदि खरीद सकते हैं। चंद्र के गोचर एवं राशि स्वामी का प्रथम होने से चांदी की वस्तु नहीं खरीदें। नए वस्त्रों में भी सफेद वस्त्रों का त्याग करें। हीरा एवं सोना भी नहीं खरीदें।
तुला- कोई आवश्यक खरीदारी करना हो तो परिवार के किसी अन्य सदस्य के नाम से करें। सूर्य, शनि एवं शुक्र की युति आपको संभलकर रहने का संकेत करती हैं। निवेश के लिए थोड़ा इंतजार करें।
वृश्चिक- सोना, चांदी, बर्तन, पीतल, वस्त्र, लोहा एवं उससे निर्मित वस्तु खरीद सकते हैं। किसी नए बड़े निवेश से बचें। ब्रांडेड सामान ही खरीदें।
धनु- मंगल का गोचर आपको जमीन-जायदाद से लाभ दिलाने का योग बना रहा हैं। राशि स्वामी गुरु के का होने से कीमती धातुओं से भी लाभ होगा। हीरा एवं कीमती पत्थर भी खरीद सकते हैं।
मकर- समय बहुत ही अच्छा रहेगा। सभी वस्तुओं के खरीद में फायदा प्राप्त करेंगें। वस्त्र एवं सोना विशेष फायदा देने वाला होगा। पारिवारिक उपभोग की वस्तु उपयोगी साबित होगी।
कुंभ- किताबें, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुएं, लकड़ी का समान, फर्नीचर एवं सजाने के समान खरीदने में ज्यादा रुचि होगी। निवेश के समय अच्छा है। स्थाई संपत्ति खरीदने से बचें।
मीन- सोने चांदी, कीमती नग आदि खरीदने का अच्छा अवसर है। स्थाई संपत्ति में निवेश ठीक नही होगा। शेयर आदि से भी बचें। वस्त्र में लाभ होगा।
खरीदी के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं-
सुबह 09 से 10:30 शाम तक- चंचल
सुबह 10:30 से दोपहर 12 बजे तक- लाभ
दोपहर 03 से शाम 04:30 बजे तक- शुभ
शाम 07:30 से रात 09 बजे तक- लाभ
इस विधि से करें भगवान धनवंतरि का पूजन
धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि की विशेष पूजन-अर्चना की जाती है। पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार देवताओं व दैत्यों ने जब समुद्र मंथन किया तो उसमें से कई रत्न निकले। समुद्र मंथन के अंत में भगवान धनवंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए। उस दिन कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी ही थी। इसलिए तब से इस तिथि को भगवान धनवंतरि का प्रकटोत्सव मनाए जाने का चलन प्रारंभ हुआ। पुराणों में धनवंतरि को भगवान विष्णु का अंशावतार भी माना गया है। धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि का पूजन इस प्रकार करें-
पूजन विधि- सर्वप्रथम नहाकर साफ वस्त्र धारण करें। भगवान धनवंतरि की मूर्ति या चित्र साफ स्थान पर स्थापित करें तथा स्वयं पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। उसके बाद भगवान धन्वन्तरि का आह्वान निम्न मंत्र से करें-
सत्यं च येन निरतं रोगं विधूतं,
अन्वेषित च सविधिं आरोग्यमस्य।
गूढं निगूढं औषध्यरूपम्, धन्वन्तरिं च सततं प्रणमामि नित्यं।।
इसके पश्चात पूजन स्थल पर आसन देने की भावना से चावल चढ़ाएं। इसके बाद आचमन के लिए जल छोड़ें। भगवान धन्वन्तरि के चित्र पर गंध, अबीर, गुलाल पुष्प, रोली, आदि चढ़ाएं। चांदी के बर्तन में खीर का भोग लगाएं। (अगर चांदी का पात्र उपलब्ध न हो तो अन्य पात्र में भी भोग लगा सकते हैं।) इसके बाद पुन: आचमन के लिए जल छोड़ें। मुख शुद्धि के लिए पान, लौंग, सुपारी चढ़ाएं। भगवान धन्वन्तरि को वस्त्र (मौली) अर्पण करें। शंखपुष्पी, तुलसी, ब्राह्मी आदि पूजनीय औषधियां भी भगवान धन्वन्तरि को अर्पित करें। रोग नाश की कामना के लिए इस मंत्र का जाप करें-
ऊं रं रूद्र रोग नाशाय धनवंतर्ये फट्।।
इसके बाद भगवान धनवंतरि को श्रीफल व दक्षिणा चढ़ाएं। पूजन के अंत में कर्पूर आरती करें।
पूजन का शुभ मुहूर्त
शाम 07:30 से रात 09 बजे तक- लाभ