Friday, September 18, 2015

जय जय श्री गणेश-श्री गणेश आरती-श्री गणेश गायत्रि -गणेश जी के द्वादश नाम

Today's Blog - हमारे BLOG-ARTICLES में अधिकतर ज्ञानवर्धक जानकारिया दी जाती है, तथा आलेख जहां से भी लिए जाते है, उन स्थानों व लेखकों का नाम-आदि भी दिया जाता है. क्योकि इस के द्वारा हम अपने पाठकों के लाभार्थ ही आलेख POST करते है. यदि किसी भी लेखक या संस्था को कोई शिकायत हो तो कृपया हमे बता दे हम POST हटा लेंगे.




व्रकतुंड महाकाय, सूर्यकोटी समप्रभाः | 
निर्वघ्नं कुरु मे देव, सर्वकार्येरुषु सवर्दा ||



श्री गणेश आरती

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ।
माता जा की पार्वती, पिता महादेवा ॥ जय गणेश देवा...

एकदन्त दयावन्त चार भुजाधारी
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी ।।

अन्धन को आँख देत, कोढ़िन को काया।
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ।। जय गणेश देवा...

पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा ॥

'सूर' श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ॥

दीनन की लाज रखो, शम्भु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊँ बलीहारी॥ जय...
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दोहा

श्री गणेश यह चालीसा पाठ करें धर ध्यान।
नित नव मंगल गृह बसै लहे जगत सन्मान॥
सम्वत् अपन सहस्र दश ऋषि पंचमी दिनेश।
पूरण चालीसा भयो मंगल मूर्ति गणेश॥
श्री गणेश स्तुति

गणपति की सेवा मंगल मेवा सेवा से सब विध्न टरें।
तीन लोक तैंतीस देवता द्वार खड़े सब अर्ज करे ॥

ऋद्धि-सिद्धि दक्षिण वाम विरजे आनन्द सौं चंवर दुरें ।
धूप दीप और लिए आरती भक्त खड़े जयकार करें ॥

गुड़ के मोदक भोग लगत है मूषक वाहन चढ़े सरें ।
सौम्य सेवा गणपति की विध्न भागजा दूर परें ॥

भादों मास शुक्ल चतुर्थी दोपारा भर पूर परें ।
लियो जन्म गणपति प्रभु ने दुर्गा मन आनन्द भरें ॥

श्री शंकर के आनन्द उपज्यो, नाम सुमरयां सब विध्न टरें ।
आन विधाता बैठे आसन इन्द्र अप्सरा नृत्य करें ॥

देखि वेद ब्रह्माजी जाको विध्न विनाशन रूप अनूप करें।
पग खम्बा सा उदर पुष्ट है चन्द्रमा हास्य करें ।
दे श्राप चन्द्र्देव को कलाहीन तत्काल करें ॥

चौदह लोक में फिरें गणपति तीन लोक में राज करें ।
उठ प्रभात जो आरती गावे ताके सिर यश छत्र फिरें ।

गणपति जी की पूजा पहले करनी काम सभी निर्विध्न करें ।
श्री गणपति जी की हाथ जोड़कर स्तुति करें ॥
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श्री गणेश गायत्रि 

ऊँ भुर्व भूवः स्व एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्। 
ऊँ भुर्व भूवः स्व एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
ऊँ भुर्व भूवः स्व महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
ऊँ भुर्व भूवः स्व गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
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गणेश जी के द्वादश नाम 

गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌।

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श्री नारद मुनि द्वारा गणेश जी की स्तुति 

प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्र विनायकम् ।
भक्तावासं स्मरेन्नित्यायुष्कामार्थसिद्धये ॥१॥
प्रथमं वक्रतुण्डं  एकदन्तं द्वितीयकम् ।
तृतीयं कृष्णपिङ्गाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम् ॥२॥
लम्बोदरं पञ्चमं  षष्ठं विकटमेव  ।
सप्तमं विघ्नराजं  धूम्रवर्ण तथाष्टमम् ॥३॥
नवमं भालचन्द्रं  दशमं तु विनायकम् ।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम् ॥४॥
द्वादशैतानि नामानि त्रिसन्ध्यं यः पठेन्नरः ।
  विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिश्च जायते ॥५॥
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मोक्षार्थी लभते गतिम् ॥६॥
जपेद् गणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासैः फलं लभेत् ।
संवत्सरेण सिद्धिं  लभते नात्र संशयः ॥७॥
अष्टाभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वा यः समर्पयेत् ।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः ॥८॥

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गणेश जी के 108 नाम (108 Names of lord Ganesha in Hindi)
1. बालगणपति : सबसे प्रिय बालक
2. भालचन्द्र : जिसके मस्तक पर चंद्रमा हो
3. बुद्धिनाथ : बुद्धि के भगवान
4. धूम्रवर्ण : धुंए को उड़ाने वाला
5. एकाक्षर : एकल अक्षर
6. एकदन्त : एक दांत वाले
7. गजकर्ण : हाथी की तरह आंखें वाला
8. गजानन : हाथी के मुख वाले भगवान
9. गजनान : हाथी के मुख वाले भगवान
10. गजवक्र : हाथी की सूंड़ वाला
11. गजवक्त्र : जिसका हाथी की तरह मुँह है
12. गणाध्यक्ष : सभी गणों के मालिक
13. गणपति : सभी गणों के मालिक
14. गौरीसुत : माता गौरी के पुत्र
15. लम्बकर्ण : बड़े कान वाले
16. लम्बोदर : बड़े पेट वाले
17. महाबल : बलशाली
18. महागणपति : देवो के देव
19. महेश्वर : ब्रह्मांड के भगवान
20. मंगलमूर्त्ति : शुभ कार्य के देव
21. मूषकवाहन : जिसका सारथी चूहा
22. निदीश्वरम : धन और निधि के दाता
23. प्रथमेश्वर : सब के बीच प्रथम आने वाले
24. शूपकर्ण : बड़े कान वाले
25. शुभम : सभी शुभ कार्यों के प्रभु
26. सिद्धिदाता : इच्छाओं और अवसरों के स्वामी
27. सिद्दिविनायक : सफलता के स्वामी
28. सुरेश्वरम : देवों के देव
29. वक्रतुण्ड : घुमावदार सूंड़
30. अखूरथ : जिसका सारथी मूषक है
31. अलम्पता : अनन्त देव
32. अमित : अतुलनीय प्रभु
33. अनन्तचिदरुपम : अनंत और व्यक्ति चेतना
34. अवनीश : पूरे विश्व के प्रभु
35. अविघ्न : बाधाओं को हरने वाले
36. भीम : विशाल
37. भूपति : धरती के मालिक
38. भुवनपति : देवों के देव
39. बुद्धिप्रिय : ज्ञान के दाता
40. बुद्धिविधाता : बुद्धि के मालिक
41. चतुर्भुज : चार भुजाओं वाले
42. देवादेव : सभी भगवान में सर्वोपरि
43. देवांतकनाशकारी : बुराइयों और असुरों के विनाशक
44. देवव्रत : सबकी तपस्या स्वीकार करने वाले
45. देवेन्द्राशिक : सभी देवताओं की रक्षा करने वाले
46. धार्मिक : दान देने वाला
47. दूर्जा : अपराजित देव
48. द्वैमातुर : दो माताओं वाले
49. एकदंष्ट्र : एक दांत वाले
50. ईशानपुत्र : भगवान शिव के बेटे
51. गदाधर : जिसका हथियार गदा है
52. गणाध्यक्षिण : सभी पिंडों के नेता
53. गुणिन : जो सभी गुणों के ज्ञानी
54. हरिद्र : स्वर्ण के रंग वाला
55. हेरम्ब : माँ का प्रिय पुत्र
56. कपिल : पीले भूरे रंग वाला
57. कवीश : कवियों के स्वामी
58. कीर्त्ति : यश के स्वामी
59. कृपाकर : कृपा करने वाले
60. कृष्णपिंगाश : पीली भूरि आंख वाले
61. क्षेमंकरी : माफी प्रदान करने वाला
62. क्षिप्रा : आराधना के योग्य
63. मनोमय : दिल जीतने वाले
64. मृत्युंजय : मौत को हरने वाले
65. मूढ़ाकरम : जिनमें खुशी का वास होता है
66. मुक्तिदायी : शाश्वत आनंद के दाता
67. नादप्रतिष्ठित : जिसे संगीत से प्यार हो
68. नमस्थेतु : सभी बुराइयों और पापों पर विजय प्राप्त करने वाले
69. नन्दन : भगवान शिव का बेटा
70. सिद्धांथ : सफलता और उपलब्धियों की गुरु
71. पीताम्बर : पीले वस्त्र धारण करने वाला
72. प्रमोद : आनंद
73. पुरुष : अद्भुत व्यक्तित्व
74. रक्त : लाल रंग के शरीर वाला
75. रुद्रप्रिय : भगवान शिव के चहेता
76. सर्वदेवात्मन : सभी स्वर्गीय प्रसाद के स्वीकर्ता
77. सर्वसिद्धांत : कौशल और बुद्धि के दाता
78. सर्वात्मन : ब्रह्मांड की रक्षा करने वाला
79. ओमकार : ओम के आकार वाला
80. शशिवर्णम : जिसका रंग चंद्रमा को भाता हो
81. शुभगुणकानन : जो सभी गुण के गुरु हैं
82. श्वेता : जो सफेद रंग के रूप में शुद्ध है
83. सिद्धिप्रिय : इच्छापूर्ति वाले
84. स्कन्दपूर्वज : भगवान कार्तिकेय के भाई
85. सुमुख : शुभ मुख वाले
86. स्वरुप : सौंदर्य के प्रेमी
87. तरुण : जिसकी कोई आयु न हो
88. उद्दण्ड : शरारती
89. उमापुत्र : पार्वती के बेटे
90. वरगणपति : अवसरों के स्वामी
91. वरप्रद : इच्छाओं और अवसरों के अनुदाता
92. वरदविनायक : सफलता के स्वामी
93. वीरगणपति : वीर प्रभु
94. विद्यावारिधि : बुद्धि की देव
95. विघ्नहर : बाधाओं को दूर करने वाले
96. विघ्नहर्त्ता : बुद्धि की देव
97. विघ्नविनाशन : बाधाओं का अंत करने वाले
98. विघ्नराज : सभी बाधाओं के मालिक
99. विघ्नराजेन्द्र : सभी बाधाओं के भगवान
100. विघ्नविनाशाय : सभी बाधाओं का नाश करने वाला
101. विघ्नेश्वर : सभी बाधाओं के हरने वाले भगवान
102. विकट : अत्यंत विशाल
103. विनायक : सब का भगवान
104. विश्वमुख : ब्रह्मांड के गुरु
105. विश्वराजा : संसार के स्वामी
105. यज्ञकाय : सभी पवित्र और बलि को स्वीकार करने वाला
106. यशस्कर : प्रसिद्धि और भाग्य के स्वामी
107. यशस्विन : सबसे प्यारे और लोकप्रिय देव
108. योगाधिप : ध्यान के प्रभु

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जय गणेश जय गणेश जय गणेश पाहिमाम

जय गणेश जय गणेश जय गणेश पाहिमाम

जय गणेश जय गणेश जय गणेश रक्षमाम,

https://www.youtube.com/watch?v=L9FekdPOs1M


http://www.greenmesg.org/mantras_slokas/sri_ganesha-ganesha_pancharatnam.php


जय गणेश जय गणेश जय गणेश पाहिमाम
जय गणेश जय गणेश जय गणेश रक्षमाम,


जय गणेश जय गणेश जय गणेश पाहिमाम
जय गणेश जय गणेश जय गणेश रक्षमाम,

समस्तलोकशंकरं निरस्तदैत्यकुञ्जरं
दरेतरोदरं वरं वरेभवक्त्रमक्षरम् ।
कृपाकरं क्षमाकरं मुदाकरं यशस्करं
मनस्करं नमस्कृतां नमस्करोमि भास्वरम् ॥३॥

जय गणेश जय गणेश जय गणेश पाहिमाम
जय गणेश जय गणेश जय गणेश रक्षमाम,


जय गणेश जय गणेश जय गणेश पाहिमाम
जय गणेश जय गणेश जय गणेश रक्षमाम,

अकिंचनार्तिमार्जनं चिरन्तनोक्तिभाजनं
पुरारिपूर्वनन्दनं सुरारिगर्वचर्वणम् ।
प्रपञ्चनाशभीषणं धनंजयादिभूषणम्
कपोलदानवारणं भजे पुराणवारणम् ॥४॥



जय गणेश जय गणेश जय गणेश पाहिमाम
जय गणेश जय गणेश जय गणेश रक्षमाम,


जय गणेश जय गणेश जय गणेश पाहिमाम
जय गणेश जय गणेश जय गणेश रक्षमाम,

नितान्तकान्तदन्तकान्तिमन्तकान्तकात्मजं
अचिन्त्यरूपमन्तहीनमन्तरायकृन्तनम् ।
हृदन्तरे निरन्तरं वसन्तमेव योगिनां
तमेकदन्तमेव तं विचिन्तयामि सन्ततम् ॥५॥

जय गणेश जय गणेश जय गणेश पाहिमाम
जय गणेश जय गणेश जय गणेश रक्षमाम,


जय गणेश जय गणेश जय गणेश पाहिमाम
जय गणेश जय गणेश जय गणेश रक्षमाम,

महागणेशपञ्चरत्नमादरेण योऽन्वहं
प्रजल्पति प्रभातके हृदि स्मरन् गणेश्वरम् ।
अरोगतामदोषतां सुसाहितीं सुपुत्रतां
समाहितायुरष्टभूतिमभ्युपैति सोऽचिरात् ॥६॥



जय गणेश जय गणेश जय गणेश पाहिमाम
जय गणेश जय गणेश जय गणेश रक्षमाम,


जय गणेश जय गणेश जय गणेश पाहिमाम
जय गणेश जय गणेश जय गणेश रक्षमाम,

जय गणेश रक्षमाम,
जय गणेश रक्षमाम,
जय गणेश रक्षमाम,

Wednesday, September 9, 2015

दोस्तों, अपने शरीर को स्वस्थ्य रखिए और पैसे भी बचाईये !!

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आलेख और निवेदन - एस्ट्रोलोजर - आशुतोष द्वारा 



जो लोग रोज़ सिगरेट पीते है, शराब पीते है, या तंबाकू के पाउच खाते है वे आख़िर समझ ही नही पाते कि वे 
लोग किस गड्डे  में गिरने जां रहे है, और अपने साथ साथ अपने परिवार को भी घसीट रहे है !! नीचे एक 
उदाहरण दे रहा हूँ, गौर कीजिये --
मान लीजिए एक व्यक्ति रोज़ 50/- रुपये नशा करने में खर्च करता है. अतः 30 दिन में 1500/- रुपए, और 365 
दिनों में, याने एक साल में 18,250/- रुपये खर्च करता है. 
अर्थात, जो लोग पिछले 5 सालों से नशा कर रहे होंगे, उनका, कम से कम 91,250/- रुपये ( app. ONE 
LAKH) खर्च हो चुका होगा
दूसरी तरफ़, यह भी सर्वं-विदित है कि तंबाकू से कैंसर और शराब  से लीवर जैसी गंभीर बीमारिया होती ही है. 
( बीमारी कभी भी अचानक हो जाती है, एक महीने में भी, एक साल में भी या कभी भी )
एक सामान्य अध्यनन के अनुसार, इन बीमारियों में एक साल में 15 से 20 लाख रुपये खर्च हो सकता है. इसके 
अलावा यदि इलाज लम्बा चला या लीवर-ट्रांसप्लांट करवाना पड़ा तो 15-20 लाख रुपये और लगेगे ! 
अर्थात, हर नशा करने वाला यह सोच ही नही पाता कि वो कितनी बड़ी रिस्क ले रहा है और ख़ुद को व पूरे 
परिवार को कितनी बड़ी आर्थिक और शारीरिक मुसीबत में डाल  रहा है. 






बीमार होने के बाद  पूरे परिवार का जीवन यापन बदल जाता  है. , सूख-शान्ति छीन  जाती है, परिवार के लोग 
और रिश्तेदार इधर-उधार से इलाज के लिए पैसा जुगाड  करने में लग जाते है, जमा किया हुआ पैसा, या, 
जमीन-जायदाद सब खतम होने लगता है, और अंत में उस व्यक्ति का जीवन भी खतम ही हो जाता है. 
चलिए अब हम ये मान ले कि एक व्यक्ति जो पिछले 5 वर्षो से नशा कर रहा था, अगले साल बीमार हो गया. 
याने, उसको कैंसर हो गया. ठीक एक साल बाद, वो व्यक्ति अपनी बीमारि से जूझता  हुआ चल बसा. अर्थात - 
यदि हम ऊपर उदहरण के आधार पर खर्च का हिसाब करे तो इस व्यक्ति ने 5 वर्षो में 91250/- रुपये नशा करने 
में खर्च कर दिए. उसके बाद एक साल बीमार रहा, अर्थात कम से कम 15 लाख तो खर्च होंगे ही. 
91250/- + 15,00000/- याने कुल 16 लाख रुपये खर्च हो गए और परिवार ने व्यक्ति भी खो दिया. 





अर्थात इन 6 वर्षो में उस व्यक्ति के कारण --2.66 लाख रुपये साल के हिसाब से पैसा खर्च हो गया. 
16,00000.00 / 6 साल = 2.66 लाख रुपये हर वर्ष )
हमने खर्च की गणना 5 वर्ष और बीमारी का अधिकतम समय एक वर्ष लिया है. इसमें यदि समय बढता है तो कुल खर्च भी उसी अनुपात में बढ ही जायेगा.


मेरे इस आलेख की गम्भीरता को देखते हुये यदि एक भी व्यक्ति ने नशा पूरी तरह छोड दिया तो मै जीत गया. 


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सभी चित्र गूगल से साभार लिए गए है. यदि किसी भी व्यक्ति या संस्था को शिकायत हो तो हमे बताये. 

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